Wednesday, April 27, 2022

देसी गाय पालने वाले किसानों को प्रतिमाह 900 रुपये देगी सरकार

  • प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा 
  • किसानों को कृषि किट लेने के लिए 75 प्रतिशत तक राशि उपलब्ध कराई जाएगी


मध्य प्रदेश में प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार किसानों को देसी गाय रखने पर प्रतिवर्ष दस हजार 800 रुपये यानी प्रतिमाह नौ सौ रुपये का अनुदान देगी। प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिए 75 प्रतिशत तक राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। खरीफ सीजन से पांच हजार 200 गांवों में प्राकृतिक खेती की गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी। प्रदेशभर में कार्यशालाएं होंगी और प्रत्येक विकासखंड में पांच-पांच पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह बड़ी व महत्वपूर्ण घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है। 

उल्लेखनीय है कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से बजट में अधिक आवंटन के साथ सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में जून से 5,200 गावों में प्राकृतिक खेती शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में देसी गायों की देखरेख के लिए सरकार किसानों को प्रतिमाह 900 रुपये की मदद भी देगी। चौहान ने सोमवार को नवोन्मेषी खेती पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि विभिन्न फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बढ़ा है।

रासायनिक उर्वरकों के बहुत अधिक इस्तेमाल के कारण मृदा की "सेहत" खराब हुई है, जिसे रोकने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उर्वरक सब्सिडी के लिए किसानों को 1.8 लाख करोड़ रुपये देती है और इसी तरह प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जानी चाहिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हरित क्रांति में रसायनिक खाद के उपयोग ने खाद्यान्न की कमी को पूरा किया, परंतु अब इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं।

धरती की सेहत सुधारने प्राकृतिक खेती जरूरी 

रसायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग से धरती की सतह कठोर और मुनष्य रोग ग्रस्त होता जा रहा है। इसके उपयोग को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जो प्राकृतिक खेती से ही संभव है। उन्होंने कहा कि यदि धरती मां को रसायनिक खाद और कीटनाशकों से बचाना है और आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को रहने और अन्न उत्पादन के लायक बनाए रखना है, तो प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है। प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए ग्राम स्तर तक वातावरण बनाने और इसमें किसानों की सहायता करने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 52 जिले हैं। प्रारंभिक रूप से प्रत्येक जिले के 100 गांव में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष गतिविधियां संचालित की जाएंगी। वर्तमान खरीफ की फसल से प्रदेश के 5,200 गांव में प्राकृतिक खेती की गतिविधियां आरंभ होंगी। वातावरण-निर्माण के लिए प्रदेश में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रूचि दिखाई है। नर्मदा जी के दोनों ओर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक

जिस प्रकार हरित क्रांति के लिए किसानों को रासायनिक खाद पर सबसिडी और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई उसी प्रकार प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना और सहयोग करना आवश्यक है। प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय से ही प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक जीवामृत और धनजीवामृत बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को देसी गाय रखने के लिए 900 रुपये प्रति माह यानी 10 हजार 800 रूपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएंगे।

साथ ही प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक गांव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। कार्यकर्ताओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।

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