Friday, January 18, 2019

अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद का पन्ना से रहा है नाता

  •   पाण्डव जल प्रपात में हुई थी क्रांतिकारियों की बैठक
  •   ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष का यहां पर हुआ था शंखनाद 


पन्ना शहर के निकट स्थित पाण्डव जल प्रपात जहां पर क्रांतिकारियों की बैठक हुई थी। 

अरुण सिंह,पन्ना। महान क्रान्तिकारी अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद का बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना जिले से भी गहरा नाता रहा है। पन्ना जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर स्थित प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर ऐतिहासिक स्थल पाण्डव जल प्रपात भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के महान क्रांतिकारी अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की स्मृतियों को संजोये हुये है। 4 सितम्बर 1929 को इसी स्थान पर अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद ने एक दर्जन से भी अधिक क्रांतिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष का आहृवान किया गया था और देश को आजाद कराने का संकल्प लिया गया था।
 शहीद चन्द्रशेखर आजाद।

इस ऐतिहासिक तथ्य का खुलासा जहां  इतिहासकारों ने किया है, वहीं  इस संबंध में सन 1978 में प्रकाशित पुस्तक उत्सर्ग के लेखक दशरथ जैन ने भी लिखा है। इस पुस्तक में यह जिक्र किया गया है कि नौगांव स्थित एजेंसी की एक सीआईडी रिपोर्ट के अनुसार 4 सितम्बर 1929 को छतरपुर से पन्ना जाने वाले मार्ग पर केन नदी के उस पार पाण्डव प्रपात नामक वनाच्छादित स्थल पर चन्द्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में क्रांतिकारियों की बैठक हुई थी, जिसका आयोजन पं. रामसहाय तिवारी ने किया था। इस बैठक में नारायणदास खरे, प्रेम नारायण, बिहारीलाल व जयनारायण सहित 13 क्रांतिकारियों ने भाग लिया था। उक्त सीआईडी रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक का उद्देश्य ब्रिटिश हुकूमत को उखाड फेंकना तथा शासन के शीर्षस्थ अधिकारियों की हत्या कर देना था। इस बैठक की सूचना पन्ना दरबार को प्रभुदयाल नामक चरवाहे द्वारा दी गई थी।
भारत के स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े ऐतिहासिक महत्व का यह मनोरम स्थल अब पन्ना टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत है। यहां 30 मीटर की ऊंचाई से प्रपात का पानी गिरकर रमणीक माहौल बनाता है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि पौराणिक पाण्डवों ने इस प्रपात के किनारे बनी गुफाओं में कुछ समय तक निवास किया था। इसी के आधार पर इस प्रपात का नाम पाण्डव प्रपात पड़ा। बारिश के मौसम में जब पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार पर्यटकों के लिये बंद हो जाते हैं, उस समय भी यह प्रपात देशी व विदेशी पर्यटकों के लिये खुला रहता है। यहां के अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारने हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
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