Tuesday, March 31, 2020

बीते एक वर्ष पुराना पोस्ट जो आज भी प्रासंगिक


29 मार्च 2018 को आई.ए.एस. नवनीत शेखर जी ने यह पोस्ट  किया था, यह आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि  यह महिला जो जमीन पर बैठी हजारों लाठी लिए लोगों के सामने हाथ जोड़कर भीख़ माँग  रही है यह कौन है ? 
यह महिला जिला मिदनापुर की एडिशनल डीएफओ पुरबी महतो हैं और जिन्होंने कर्त्तव्य पालन के लिए आदिवासियों के सामने हाथ जोड़कर बैठ गई ।  मिदनापुर जिले के लालगंज आदिवासी क्षेत्र में एक परम्परा है जिसमें हाथों  में डण्डे-लाठी खुखरी , नुकीले हथियार लिए हजारों आदिवासी शिकार के लिए जंगल में जाते हैं और हज़ारों बेगुनाह मार दिए जाते हैं। इस बार भी नियत दिन हजारों आदिवासियों को महा शिकार के लिए निकलना था लेकिन वन विभाग की पूरबी  ने तय कर लिया था कि वह इसे रोकेंगी। उन्होंने पूरे प्रयास किये , महीनों पहले से जागरूकता अभियान चलाये , कानून का भय भी दिखाया लेकिन अंत दिन कुछ भी काम न आया।  पांच हजार से  अधिक आदिवासी  हथियार लेकर जंगल की ओर बढे जा रहे थे , पूरबी महतो ने माहौल भांपते हुए जनजाति के बुजुर्गों से एक भावनात्मक अपील की।  वह जमीन पर हाथ जोड़कर बैठ गयीं , और बहुत मार्मिक अपील की। उन्होंने कहा कि अपने हथियार उठाओ और मुझे भी मार दो , लेकिन जब तक मेरी सांस है , मैं आपको आगे नहीं जाने दूँगी।
पूरबी महतो की यह भावनात्मक अपील काम कर गई और बुजुर्गों के निर्णय पर सभी आदिवासी वापस लौट गये ।  दिल्ली से दूर इस नायिका को बहुत पहचान नहीं मिली , 29 मार्च के टेलीग्राफ अखवार में मुझे यह छोटी सी खबर दिखी तो मुझे लगा कि पूरबी महतो का यह कार्य एक महानायिका का कार्य है , आईये हम सब मिलकर उनको सलाम भेजें और इतना भेजें  की उन तक पहुँच जाये।
इस महानायिका पूरबी महतो को मेरा सलाम
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