Friday, July 10, 2020

पन्ना में मानसून पर्यटन को बढ़ावा देने प्राकृतिक स्थलों का होगा विकास

  •  बैठक में मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने दिये निर्देश 
  •  कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा प्रस्तुत पन्ना नगर विकास कार्ययोजना को मंत्री जी ने सराहा 


नगर विकास कार्ययोजना संबंधी बैठक में मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह साथ में अधिकारीगण।  

अरुण सिंह,पन्ना।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना जिले में पर्यटन विकास की विपुल संभावनायें मौजूद हैं। लेकिन इस दिशा में अभी तक  प्रभावी और ठोस पहल न होने से अपेक्षाओं व उम्मीदों के अनुरूप यहां कार्य नहीं हुआ। लेकिन अब पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद  पन्नावासियों की उम्मीदें एक बार फिर जागृत हुई हैं। मंत्री जी की अध्यक्षता में आज आयोजित पन्ना नगर विकास कार्ययोजना संबंधी बैठक में उन्होंने चल रहे विकास कार्यों तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में अधिकारियों से गहन चर्चा कर जिस तरह से दिशा निर्देश दिये हैं उससे उनके इरादे स्पष्ट हो गये हैं। बैठक में सर्वप्रथम मंत्री श्री सिंह का कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व के.एस. भदौरिया, वनमण्डलाधिकारी द्वय श्रीमती मीना मिश्रा, गौरव शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालागुरू के ने पुष्पगुच्छ भेटकर स्वागत किया। इसके उपरांत कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा पन्ना नगर विकास के लिए तैयार की गयी कार्य योजना एवं वर्तमान में स्मार्ट सिटी अन्तर्गत चल रहे कार्यो पर प्रकाश डाला। मंत्री श्री सिंह द्वारा पन्ना नगर विकास के लिए तैयार की गयी कार्ययोजना की सराहना करते हुए कहा कि पन्ना के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधार के लिए जो भी कार्य किये जा सकते हैं उन्हें कराया जाये।


पन्ना का सुप्रसिद्ध बलदाऊ जी का मंदिर।  

बैठक में कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा बताया गया कि पन्ना के 5 मंदिरों का विकास, धरम सागर तालाब के किनारे पाथवे पिचिंग, सोलर लाईट, पार्क आदि का निर्माण, पहाडकोठी के ऊपर वृक्षारोपण, पन्ना व्यू-प्वाईंट, नगर के मुक्तिधाम स्थलों का विकास, उनमें पडी खाली भूमि से आय आर्जित करने का कार्य, नगर के मुख्य मार्गो में डिवाइडर का कार्य, पन्ना के धार्मिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थलों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास करने, राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में आने वाले पर्यटको को पन्ना नगर तक लाने, इको टूरिज्म, एडोटोरियम हाल, नजरगबाग स्टेडियम आदि के कार्य कराये जाने की कार्ययोजना तैयार की गयी है। इसके अलावा नगर के रथयात्रा महोत्सव, शरदपूर्णिमा महोत्सव, होली एवं बुन्देली उत्सव के रूप में छत्रसाल महोत्सव को भव्य रूप से मनाने एवं पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रचार-प्रसार करने की योजना है। बैठक में नगर की भीडभाड को कम करने के लिए एकांगी मार्ग बनाने, नगर के बाहर नया बस स्टैण्ड बनाने, 100 बिस्तर का नवीन चिकित्सालय भवन निर्माण, अजयगढ रोड से सतना मार्ग को जोडने के लिए वायपास रोड बनाने पर चर्चा की गयी। बैठक में वनाधिकार, प्रधानमंत्री ग्राम सडक, किल कोरोना आदि विषय पर चर्चा की गयी। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि नगर विकास के कार्य नगरपालिका, स्मार्ट सिटी, लोक निर्माण, वन विभाग, राष्ट्रीय उद्यान आदि के सहयोग से कराए जा रहे हैं। मंत्री श्री सिंह ने तैयार की गयी कार्ययोजना के अनुसार कार्य कराने की सराहना करते हुए कहा कि पन्ना के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए पर्यटन को बढावा दिया जाना चाहिए। पन्ना जिले में पर्यटन विकास की अच्छी  संभावनायें हैं। नियमित पर्यटन के अलावा मानसून पर्यटन के लिए कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। सम्पन्न हुई बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष  रविराज सिंह यादव के साथ विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख उपस्थित रहे।

मानसून पर्यटन की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी घोषणा 


बारिश के मौसम में पन्ना के जलप्रपात का मनोरम द्रश्य। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत 5 वर्ष पूर्व पन्ना प्रवास के दौरान यह घोषणा की थी कि पन्ना शहर के आस-पास स्थित प्राकृतिक मनोरम स्थलों व जल प्रपातों का विकास कर यहां मानसून पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रयास किये जायेंगे ताकि बारिश के मौसम में जब पन्ना टाईगर रिजर्व के गेट पर्यटकों के भ्रमण हेतु बंद हो जायें, उस समय भी पर्यटक यहां आकर प्रकृति के अद्भुत नजारों का आनन्द ले सकें। इससे यहां पर रोजगार के नये अवसरों का जहां सृजन होगा, वहीं मन्दिरों के शहर पन्ना को एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री जी की इस सोच व घोषणा की पन्नावासियों ने सराहना की थी, लेकिन 5 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस दिशा में कोई सार्थक पहल व प्रयास नहीं हुये। मालुम हो कि पन्ना शहर के आस-पास 10 किमी के दायरे में प्राकृतिक व ऐतिहासिक महत्व के ऐसे अनेकों स्थल व जल प्रपात हैं, जिनको यदि पर्यटकों की दृष्टि से विकसित कर दिया जाये तो ये स्थल आकर्षण का केन्द्र बन सकते हैं। जिला मुख्यालय पन्ना से 10 किमी. की दूरी पर सड़क मार्ग के निकट स्थित लखनपुर सेहा का घना जंगल तथा ऊँची मीनार जैसा नजर आने वाला यहां का मशरूम राक देखने जैसा है। जैव विविधता से परिपूर्ण इस मनोरम स्थल में पर्यटन विकास की असीम संभावनायें मौजूद हैं। फिर भी आश्चर्य इस बात का है कि अभी तक प्रकृति की इस अनूठी और विस्मय विमुग्ध कर देने वाली कृति की ओर शासन व प्रशासन का ध्यान नहीं गया। यदि इस स्थल का समुचित विकास हो जाये तो यह देशी व विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है।
गौरतलब है कि पन्ना जिले को प्रकृति ने अनुपम सौगातों से नवाजा है। यहां के हरे-भरे घने जंगल, अनूठे जल प्रपात व गहरे सेहे देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं कि यहां इतना सब है फिर भी यह इलाका उपेक्षित और पिछड़ा क्यों है? पन्ना शहर में जहां प्राचीन भव्य व विशाल मन्दिर हैं, वहीं इस जिले में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की भी भरमार है। प्रकृति तो जैसे यहां अपने बेहद सुन्दर रूप में प्रकट हुई है। यदि इन सभी खूबियों का सही ढंग से क्षेत्र के विकास व जन कल्याण में रचनात्मक उपयोग हो तो इस पूरे इलाके का कायाकल्प हो सकता है। पन्ना शहर के बेहद निकट स्थित लखनपुर का सेहा एक ऐसा स्थान है जो इस जिले को पर्यटन के क्षेत्र में सम्मानजनक स्थान दिलाने की क्षमता रखता है। लखनपुर सेहा के अलावा पन्ना शहर के ही निकट गौर का चौपड़ा, खजरी कुड़ार गाँव के पास चरही, कौआ सेहा, बृहस्पति कुण्ड सहित अनेकों स्थल हैं जो उपेक्षित पड़े हैं। यदि इन मनोरम स्थलों को विकसित किया जाकर सही तरीके से प्रस्तुत किया जाये तो पर्यटक यहां खिंचे चले आयेंगे। इन सभी स्थलों को चिह्नित करते हुये वहां तक सुगम मार्ग व बुनियादी सुविधायें यदि उपलब्ध करा दी जायें तो ये स्थल बारिश के मौसम में पर्यटकों से गुलजार हो सकते हैं।
00000 

No comments:

Post a Comment