- वन विहार भोपाल में मुन्ना ने आज सुबह ली अंतिम सांस
- विश्व प्रसिद्ध बाघ को ससम्मान किया गया अग्नि को समर्पित
कान्हा टाइगर रिजर्व का सबसे उम्रदराज व विश्व प्रसिद्ध बाघ मुन्ना। |
।। अरुण सिंह ।।
कान्हा टाइगर रिजर्व का सबसे उम्रदराज व विश्व प्रसिद्ध बाघ मुन्ना अब नहीं रहा। पर्यटकों का बेहद पसंदीदा यह बाघ फोटो खिंचवाने का शौकीन रहा है। लेकिन अब बाघ प्रेमी व पर्यटक मुन्ना की फोटो नहीं ले सकेंगे। मुन्ना बाघ की खास पहचान यह थी कि उसके माथे पर साफ-साफ सीएटी (कैट) और उसके ठीक नीचे पीएम लिखा हुआ था। आज सुबह 19 वर्ष का यह उम्रदराज बाघ वन विहार भोपाल में अंतिम सांस ली।
अधिकृत जानकारी के मुताबिक विश्व प्रसिद्ध नर बाघ मुन्ना को सामान्य वन मंडल पश्चिम मंडला से रेस्क्यू कर दिनांक 24- 10 -19 को वन विहार में लाया गया था। वर्तमान में इसकी उम्र लगभग 19 वर्ष थी। नर बाघ मुन्ना ने दिनांक 2-3- 21 से अपना सामान्य भोजन लेना बंद कर दिया था तथा इसके पिछले दोनों पैर भी लकवा ग्रस्त हो गए थे। मुन्ना उठने एवं चलने में भी सक्षम नहीं था। इसका इलाज लगातार डॉक्टर अतुल गुप्ता वन्य प्राणी चिकित्सक वन विहार एवं अन्य चिकित्सकों के परामर्श द्वारा किया जा रहा था। परंतु उसमें अधिक वृद्धावस्था के कारण कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष फरवरी 2020 में भी मुन्ना के पिछले पैरों में लकवा हुआ था तथा वह उठने एवं चलने में अक्षम था। लेकिन इलाज उपरांत 10 मार्च 2020 में उसे ठीक कर लिया गया था।
अधिकारियों की मौजूदगी में नम आँखों से मुन्ना को दी गई अंतिम विदाई। |
आज दिनांक 7- 3 - 21 को प्रात: 8:25 पर उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु उपरांत उसका पोस्टमार्टम डॉक्टर अतुल गुप्ता वन्य प्राणी चिकित्सक, डॉक्टर सुनील कुमार तुमडिया, डॉ प्रशांत देशमुख एवं डॉ रजत कुलकर्णी द्वारा किया गया। प्रथम दृष्टया मृत्यु का कारण वृद्धावस्था होना बताया गया है। पोस्टमार्टम उपरांत वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इसे ससम्मान नम आंखों से अग्नि को समर्पित कर दिया गया। मुन्ना बाघ के निधन से संपूर्ण वन विहार, कान्हा एवं वन्य प्राणी प्रेमियों में शोक की लहर व्याप्त है।
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