- वनोपज से समृद्ध पन्ना के जंगलों में इन दिनों है पड़ोरा की बहार
- यह जंगली सब्जी बाजार में बिक रही 100 से 150 रु. प्रति किलो
वनोपज से समृद्ध पन्ना जिले के जंगलों में इन दिनों पड़ोरा की बहार। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना । ''सावन साग न भादौं दही, कुवार दूध न कातिक मही'' अर्थात सावन के महीने में पत्तेदार सब्जी और भादों के महीने मे दही का सेवन नहीं करना चाहिए। भारत में खान-पान को लेकर भी कई तरह की कहावतें हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक भारतीय सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सभी सब्जियों में सबसे बेहतर है। मानसून के मौसम में पायी जाने वाली यह सब्जी सबसे ताकतवर सब्जी मानी जाती है। इसके बारे में लोगों का कहना है कि यदि इसका सेवन किया जाय तो यह हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
औषधीय जड़ी बूटियों और वनोपज से समृद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के जंगलों में इन दिनों पड़ोरा की बहार है। अत्यधिक पौष्टिक व आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर यह जंगली सब्जी पन्ना के जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगती है। इन दिनों पड़ोरा की लतर में फल आये हुये हैं जो बामुश्किल एक पखवाड़ा तक ही मिलेंगे। वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले आदिवासी जंगल से पड़ोरा तोड़कर न सिर्फ खाते हैं अपितु बाजार में बेंच भी देते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो जाती है। पन्ना के बाजार में जंगली पड़ोरा 100 से 150 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
गौरतलब है कि पड़ोरा एक बहुवर्षीय कद्दूवर्गीय फसल है, जो पौष्टिक गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में सहायक होती है। इसकी खेती कर किसान समृद्ध बन सकते हैं। उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों से इसकी खेती करने की अपील की गई है। उद्यान विभाग के सहायक संचालक एमके भट्ट ने बताया कि पन्ना के जंगली क्षेत्रों में पड़ोरा बिना उगाये उग जाता हैं इसलिए आदिवासियों द्वारा पन्ना के जंगलों से तुड़ाई कर बाजार में इन दिनों 100 से 150 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है।
जंगल क्षेत्रों के आस-पास के लोग इसको सब्जी के रूप में बहुतायत से उपयोग करते हैं। पड़ोरा के बीजों की बुवाई का समय जून-जुलाई है। पड़ोरा के बीज को एक बार बोने के बाद इसके मादा पौधे से लगभग 8 से 10 वर्षो तक फल प्राप्त होते रहते हैं। इस पर कीड़ों व बीमारियों का प्रकोप बहुत कम होता है। परन्तु फल मक्खी पड़ोरा के फलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। सहायक संचालक भट्ट ने बताया कि पड़ोरा का प्रयोग सब्जी के रूप में किया जाता है जो बहुत स्वादिष्ट होती है तथा मानव संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण भाग है। आपने बताया कि पड़ोरा की सब्जी पौष्टिक गुणों से भरपूर होती है। पड़ोरा के फलों का उपयोग अचार बनाने के लिए भी किया जाता है। यह कफ, खांसी, अरूचि, वात, पित्तनाशक और हृदय में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। पड़ोरा के फलों का सेवन मधुमेह रोगी के शर्करा नियंत्रण में भी बहुत उपयोगी होता है।
पड़ोरा के सेवन से शरीर बन जाता है तंदुरुस्त
मौजूदा दौर में जंक फूड का इतना क्रेज बढ़ चुका है कि लोग अपने शरीर को जरूरी ताकत देने वाली सब्जी, दाल का सेवन कम ही करते हैं। यह बहुत कम लोग जानते हैं कि कुछ सबज्यिां ऐसी होती हैं, जिन्हें कुछ दिन खाने पर ही इसका फायदा मिल जाता है. ऐसी ही एक सब्जी पड़ोरा है। ऐसा कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी है. इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि महज कुछ दिन के सेवन से ही आपका शरीर तंदुरुस्त बन जाता है। पड़ोरा को कंटोला,ककोड़े और मीठा करेला के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में भी इसे सबसे ताकतवर सब्जी के रूप में माना गया है। यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होती है, जिसे खाने से शरीर ताकतवर बनता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है. जो शरीर को साफ रखने में भी काफी सहायक है। अगर आप इसकी सब्जी नहीं खाना चाहते तो अचार बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए इसे औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं, यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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