Sunday, November 30, 2025

सत्य एक पथहीन भूमि है : जे. कृष्णमूर्ति

जे. कृष्णमूर्ति 

“मैं यह दृढ़ता से कहता हूँ कि सत्य एक पथहीन भूमि है—और आप किसी भी मार्ग, किसी भी धर्म, किसी भी संप्रदाय के माध्यम से उसकी ओर नहीं जा सकते। यही मेरा दृष्टिकोण है, और मैं इसे पूरी तरह और बिना किसी शर्त के मानता हूँ। सत्य असीम है, असंस्कारित है—इसलिए उसे किसी संगठन में बाँधा नहीं जा सकता।

मैं किसी भी आध्यात्मिक संगठन से संबंध नहीं रखना चाहता—कृपया इसे समझें। ऐसे संगठन व्यक्ति को अपंग बना देते हैं, उसकी विशिष्टता नष्ट कर देते हैं—वही विशिष्टता जिसमें स्वयं सत्य की खोज अंकुरित होती है।

मैं अनुयायी नहीं चाहता—और मैं इसे पूरी गंभीरता से कहता हूँ। क्योंकि जैसे ही आप किसी का अनुकरण करते हैं, आप सत्य का अनुसरण करना छोड़ देते हैं।

मेरा उद्देश्य एक ही है—मनुष्य को मुक्त करना। मैं उसे हर प्रकार के पिंजरे से मुक्त करना चाहता हूँ, हर भय से, हर बंधन से—न कि नई धर्म व्यवस्थाएँ खड़ी करना या नए सिद्धांत स्थापित करना।

फिर आप पूछेंगे—“फिर आप दुनिया भर में बोलने क्यों जाते हैं?”

मैं आपको कारण बताता हूँ:

न अनुयायियों के लिए,

न किसी विशेष शिष्य समूह के लिए,

न धन के लिए,

न आरामदायक जीवन के लिए।

मनुष्य विचित्र रूप से अपने को दूसरों से अलग दिखाना चाहता है, चाहे वे भेद कितने भी हास्यास्पद क्यों न हों। मैं इस मूर्खता को बढ़ावा नहीं देना चाहता। मेरे न तो कोई शिष्य हैं, न कोई दूत—न पृथ्वी पर, न किसी आध्यात्मिक लोक में।

यदि केवल पाँच लोग भी ऐसे हों जो सचमुच सुनें, जीएँ, और अपने चेहरे को अनंत की ओर मोड़ें—तो वही पर्याप्त है। हजारों ऐसे लोगों का होना निरर्थक है जो परिवर्तन नहीं चाहते, जो नए को अपने पुराने, जड़ मन से ढालना चाहते हैं।

यदि मैं तीखे शब्दों में बोलता हूँ तो कृपया इसे करुणा की कमी न समझें।

जैसे एक शल्य-चिकित्सक दर्द देकर भी उपचार करता है—वैसे ही मैं भी बोलता हूँ।

मैं फिर कहता हूँ—मेरा केवल एक उद्देश्य है—मनुष्य को मुक्त करना।

उसे उसकी सीमाओं से बाहर निकलने में सहायता देना—क्योंकि उसी में शाश्वत आनंद और असीम आत्मबोध है।

मैं स्वयं मुक्त हूँ—अखंड, अपार, अंश नहीं, सम्पूर्ण।

जैसे एक कलाकार चित्र इसलिए बनाता है क्योंकि उसमें उसकी सहज अभिव्यक्ति है—वैसे ही मैं यह कार्य करता हूँ। मुझे किसी से कुछ प्राप्त नहीं करना।

आप इतने वर्षों से सुन रहे हैं, पर परिवर्तन कुछ ही लोगों में आया है।

अब कृपया मेरे शब्दों का परीक्षण करें—आलोचनात्मक बनें—ताकि आप मूल तक पहुँचें।

आप पूछें—“आप समाज के लिए कितने ख़तरनाक हैं?”

क्योंकि जो असत्य और अनावश्यक पर टिका है—उसके लिए सत्य सदा खतरा है।

मैं आपसे सहमति नहीं चाहता, न अनुकरण चाहता हूँ—मैं चाहता हूँ कि आप समझें।

मैं कहता हूँ—प्रकाश, पवित्रता, सौंदर्य—सब आपके भीतर है।

सच्ची आध्यात्मिकता यही है— स्व की विशुद्धता, जहाँ बुद्धि और प्रेम समरस हों।

यही वह शाश्वत सत्य है जो जीवन ही है।

कमज़ोर लोगों के लिए कोई संगठन सत्य का मार्ग नहीं दिखा सकता—क्योंकि सत्य बाहर नहीं, भीतर है—न दूर, न पास—वह हमेशा यहीं है।

पत्रकार मुझसे हमेशा पूछते हैं—“कितने सदस्य हैं? कितने अनुयायी हैं? संख्या से हम सत्य को परखेंगे।”

मैं कहता हूँ—मुझे नहीं पता। मैं परवाह भी नहीं करता।

यदि एक मनुष्य भी मुक्त हुआ—तो वही पर्याप्त है।

आप सोचते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति सुख और मुक्ति की कुंजी रखता है।

कोई भी उस कुंजी का स्वामी नहीं।

वह कुंजी आप स्वयं हैं—आपकी पवित्रता, आपकी निर्मलता, आपकी अडिग सत्यनिष्ठा ही अनंत के द्वार खोलती है।

इसलिए बाहर सहारे ढूँढना, दूसरों पर निर्भर रहना—यह सब निरर्थक है।

हर्ष, शक्ति, शांति—सब भीतर से जन्म लेते हैं।

आपको बताया जाता है कि आपकी आध्यात्मिक प्रगति कितनी है—कितना बचकाना है यह!

आपके भीतर सौंदर्य या कुरूपता कौन बता सकता है—सिवाय आपके?

जो लोग सचमुच समझना चाहते हैं—जो आरंभहीन-अंतहीन चिर सत्य को पाना चाहते हैं—वे साथ चलेंगे, तीव्रता के साथ, और वे असत्य के लिए खतरा होंगे।

वे स्वयं ही दीपक बनेंगे—क्योंकि वे समझते हैं।

ऐसा समूह बनाना आवश्यक है—और यही मेरा उद्देश्य है।

इस समझ से ही सच्ची मित्रता उत्पन्न होगी—जिसे आप अभी नहीं जानते—और इस मित्रता से सहयोग।

पर यह न किसी अधिकार से होगा, न मुक्ति के लालच से—केवल समझ के कारण।

यदि आप संगठन बनाना चाहते हैं, सजावट करना चाहते हैं—वह आपका काम है।

पर मेरा कार्य एक ही है—मनुष्य को पूर्ण रूप से, बिना शर्त मुक्त करना.”

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Thursday, November 27, 2025

बाल विवाह के विरूद्ध 100 दिवसीय जन जागरूकता अभियान आरंभ

बाल विवाह की प्रथा समाज के लिए अभिशाप है, आइये इस कुप्रथा को समाप्त करें।  

पन्ना। बाल विवाह के विरूद्ध जन जागरूकता के लिए 100 दिवसीय अभियान का आगाज आज गुरुवार 27 नवम्बर से हो रहा है। बाल विवाह का अर्थ है जब लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम हो, तो उनका विवाह हो जाए। भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जिस पर रोक लगाने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 लागू है, जिसके अनुसार लड़की की न्यूनतम आयु 18 और लड़के की 21 वर्ष है। इसके दुष्परिणामों में स्वास्थ्य जोखिम, शिक्षा में बाधा और हिंसा का खतरा शामिल है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत 27 नवम्बर 2024 को की गई थी। अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने पर एवं बाल विवाह मुक्त भारत की दिशा में तेजी लाने के लिए अब संपूर्ण देश में 100 दिवसीय इंटेंसिव थीम वाला अभियान 27 नवम्बर 2025 से आरंभ होगा। यह अभियान आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च तक निरंतर रूप से संचालित किया जाएगा। सेचुरेशन अप्रोच के साथ आयोजित होने वाले इस अभियान में प्रत्येक चिन्हित संस्था, सामुदायिक स्थल व सेवा प्रदाता तक पहुँच सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर ऊषा परमार ने अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला संयोजक, जनपद पंचायत सीईओ, बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि अभियान का शुभारंभ गुरूवार को विशाखापट्टनम में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम से होगा। इस अवसर पर पूरे देश में एक सामूहिक शपथ के माध्यम से भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने के संकल्प को पुनः दोहराया जाएगा। कैंपेन का पहला चरण 27 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से जनजागरूकता पर केन्द्रित होगा, जबकि द्वितीय चरण में एक से 26 जनवरी तक धार्मिक स्थानों और विवाह से जुड़े सर्विस प्रोवाइडर्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

इसमें मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा, वेडिंग हॉल, बैन्ड पार्टी, डीजे, कैटरर और टेंट हाउस शामिल हैं। इस दौरान स्थानीय पुलिस और कम्युनिटी वालेंटियर्स के साथ वैवाहिक सीजन में सघन निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। तृतीय तथा अंतिम चरण में एक फरवरी से 8 मार्च तक समुदाय स्तर पर जुड़ाव और ओनरशिप को मजबूत करने के लिए ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्रों के वार्डों में गतिविधियों का आयोजन कर फोकस किया जाएगा।

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Saturday, November 22, 2025

पन्ना टाइगर रिज़र्व में हथिनी अनारकली ने दिया दो मादा बच्चों को जन्म

  •  नन्हे मेहमानों के आने से टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल 
  •  पन्ना में बाघों के साथ-साथ बढ़ रहा हाथियों का भी कुनबा

हथिनी अनारकली अपने दोनों नवजात शिशुओं के साथ, पास ही खड़े वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाघों के साथ-साथ हांथियों का कुनबा भी बढ़ रहा है। यहाँ की हथिनी अनारकली ने एक साथ दो मादा बच्चों को जन्म दिया है। आमतौर पर हथिनी एक ही बच्चे को जन्म देती है, पन्ना टाइगर रिज़र्व के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी हथिनी ने तक़रीबन 3 घण्टे के अंतराल में दो बच्चों को जन्म दिया है। इन नन्हे मेहमानों के आने से पन्ना टाइगर रिज़र्व में खुशी का माहौल है। इन नये मेहमानों के आने के साथ ही पीटीआर में हांथियों का कुनबा बढ़कर 21 हो गया है। 

वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हथिनी अनारकली ( 57 वर्ष ) ने शुक्रवार को दोपहर 2.20 बजे खैरईया में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। जन्म देने के उपरांत हथिनी नन्हे बच्चे को वहां से लेकर हिनौता हांथी कैम्प पहुंची और यहाँ पर शाम 5.50 बजे दूसरे बच्चे को जन्म दिया। दोनों नवजात बच्चे व मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इसके पूर्व उन्होंने न तो कहीं देखा और न ही सुना कि किसी हथिनी ने एक साथ दो बच्चों को जन्म दिया है। पन्ना में यह अजूबा पहली बार देखने को मिला है। 

उन्होंने बताया कि हथिनी व उसके नन्हे शिशु की समुचित देखरेख तथा विशेष भोजन की व्यवस्था की जा रही है। हथिनी को दलिया, गुड, गन्ना तथा शुद्ध घी से निर्मित लड्डू खिलाये जा रहे हैं ताकि दोनों नन्हे शिशुओं को पर्याप्त दूध मिल सके। हथनी व उसके शिशुओं की देखरेख व निगरानी के लिए स्टाफ की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि पन्ना टाईगर रिजर्व में वनराज व गजराज दोनों के ही कुनबे में वृद्धि हो रही है, जो निश्चित ही प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से एक शुभ संकेत है। वर्तमान में पन्ना टाईगर रिजर्व के पास कुल 21 हाथी हो गये हैं,  जिनमें से 05 नर एवं 16 मादा हांथी हैं। इनमें 11 वयस्क, 3  अर्द्ध वयस्क एवं 7 बच्चे सम्मिलित हैं। 

सोनपुर के मेले से पन्ना लाई गई थी अनारकली 

हथिनी अनारकली के पन्ना आने की भी दिलचस्प दास्तान है। बताया गया है क़ि 18 वर्ष की उम्र में हथिनी अनारकली को जून 1986 में सोनपुर के मेले से पन्ना लाया गया था। तभी से यह हथिनी पन्ना टाइगर रिज़र्व में हांथियों के कुनबे में शामिल है। पन्ना टाइगर रिज़र्व में तक़रीबन 39 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने के साथ इस हथिनी ने हांथियों के कुनबे को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनारकली ने पन्ना टाइगर रिज़र्व में अब तक 6 बार बच्चों को जन्म दिया है। छठवीं बार इस हथिनी ने दो मादा बच्चों को जन्म देकर चर्चा में है। 

पन्ना टाइगर रिज़र्व के महावत बताते हैं कि अनारकली ग़स्ती के काम में बेहद निपुण है। वन क्षेत्र में शिकारियों व लकड़ी चोरों की आहट मिलने पर हथनी अनारकली उस दिशा में पत्थर बरसाने लगती हैं। जब हथिनी अपनी सूंड से पत्थर मारती है तो शिकारी जान बचाकर भागने को मजबूर हो जाते हैं। मानसून सीजन में बाघों की निगरानी व जंगल की सुरक्षा का दायित्व यहाँ के हाथी बखूबी निभाते हैं। टाइगर रिजर्व के पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां नदी नालों के कारण मैदानी वन अमला नहीं पहुंच पाता, ऐसे इलाकों में टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षित हाथी मुस्तैदी के साथ गस्त करते हैं। हाथियों की मदद से टाइगर रिजर्व के बेहद संवेदनशील इलाकों में भी गस्त संभव हो जाती है।

नवजात शिशुओं के साथ हथिनी का वीडियो :



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Thursday, November 20, 2025

आबकारी उपनिरीक्षक मुकेश पाण्डेय को मिला कर्मयोगी पुरस्कार

 

पन्ना कलेक्टर ऊषा परमार आबकारी उपनिरीक्षक मुकेश कुमार पाण्डेय कर्मयोगी पुरस्कार से सम्मानित करते हुए। 

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक मुकेश कुमार पाण्डेय को कर्मयोगी पुरस्कार मिला है। कर्मयोगी प्रशिक्षण में मध्य प्रदेश में आबकारी विभाग में समस्त लोकसेवकों में राज्य स्तर पर तृतीय स्थान मिलने पर श्री पाण्डेय को आबकारी आयुक्त मध्य प्रदेश अभिजीत अग्रवाल द्वारा प्रदत्त प्रशस्ति पत्र को पन्ना कलेक्टर ऊषा परमार ने प्रदान किया। इस अवसर पर जिला आबकारी अधिकारी मुकेश कुमार मौर्य, एसडीएम संजय कुमार नागवंशी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी शंभू दयाल जाटव भी उपस्थित थे।

केंद्र सरकार द्वारा केंद्र और राज्य कर्मचारियों को विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अपने विभाग संबंधी विषय, योजनाओं और गतिविधियों के संबंध में विभिन्न कोर्स तैयार किए गए। इसके साथ ही जीवन प्रबंधन एवं कार्यस्थल प्रबंधन संबंधी पाठ्यक्रम भी तैयार किए गए। केंद्र और राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को कर्मयोगी पोर्टल से न्यूनतम प्रशिक्षण अनिवार्य किया है। 

प्रदेश शासन द्वारा इसके लिए गत माह अभियान भी चलाया गया था। आबकारी आयुक्त कार्यालय द्वारा विभाग के टॉप 10 कर्मयोगी लोकसेवकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में आबकारी उपनिरीक्षक मुकेश कुमार पाण्डेय को भी कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री पाण्डेय की इस उपलब्धि पर समस्त अधिकारी-कर्मचारियों सहित शुभचिंतकों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

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Wednesday, November 19, 2025

पन्ना ने दिलाया प्रदेश को डायमंड स्टेट और टाइगर स्टेट का दर्जा : मुख्यमंत्री

  • जीआई टैग मिलने से पन्ना के डायमंड को मिली है वैश्विक पहचान
  • मुख्यमंत्री ने 83 करोड़ रू. के कार्यों का किया लोकार्पण व भूमिपूजन

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव पन्ना जिले के शाहनगर में आयोजित हितग्राही सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए 

पन्ना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को पन्ना जिले के शाहनगर में आयोजित हितग्राही सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि पन्ना की रत्नगर्भा भूमि किसी पहचान की मोहताज नहीं है। पन्ना ने खुद के साथ मध्यप्रदेश को भी गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि इन दिनों जहां देखो, उधर अपना पन्ना ही चमक रहा है। पन्ना की पुण्यधरा से निकलने वाले पारस (हीरा) से मध्यप्रदेश पूरे विश्व में मशहूर हो रहा है। मध्यप्रदेश को 'डायमंड स्टेट' और 'टाइगर स्टेट' का दर्जा दिलाने का श्रेय भी पन्ना को ही जाता है। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पन्ना डायमंड को जीआई टैग मिलने पर जिलेवासियों को बधाई देते हुए कहा कि जीआई टैग ने पन्ना की पहचान पर अब वैश्विक मुहर लगा दी है। अब पूरी दुनिया यहां के हीरों को 'पन्ना डायमंड' के नाम से ही जानेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'पन्ना डायमंड' अब एक ब्रांड के रूप में उभर रहा है। इससे न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में पहचान बढ़ेगी, बल्कि वैल्यू-चेन, माइनिंग, प्रोसेसिंग, एक्सपोर्ट और जेम-आधारित उद्योग, सबमें निवेश के नए अवसर सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पन्ना जिले को बहुत जल्द मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने वाली है। आज पन्ना और छतरपुर के बीच भव्य राजगढ़ पैलेस होटल का शुभारंभ भी हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत शाहनगर में हितग्राही सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां करीब 83 करोड़ रूपए की लागत वाले 14 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें 9 करोड़ रूपए की लागत से बनी बिसानी-श्यामगिरी-कल्दा-सले हा वाया मैन्हा मार्ग के उन्नयन कार्य का लोकार्पण एवं 74 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले 13 विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री ने 4.25 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले पवई में तिघरा बैराज का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या पूजन कर हितग्राही सम्मेलन की शुरूआत की। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मारतम् गायन के साथ हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर रैपुरा में नवीन महाविद्यालय खोलने, वर्तमान ग्राम पंचायत शाहनगर को नगर परिषद बनाने तथा शाहनगर ब्लॉक में दो अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने करीब 135 करोड़ की लागत से टिकरिया-रीठी वाया खमरिया मार्ग का निर्माण करने, शाहनगर-बोरी-चमरईया सड़क मार्ग के चौड़ीकरण सहित पुराने बांधों की नहरों का सर्वे कराकर मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का काम कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवई और शाहनगर महाविद्यालय में विधि और विज्ञान संकाय भी शुरु किया जाएगा तथा शाहनगर के बंद उद्योग फिर से शुरू कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना के विकास को नई उड़ान देने के लिए राज्य सरकार पन्ना में 15 करोड़ की लागत से डायमंड बिजनेस पार्क तैयार कर रही है। यह पार्क पन्ना की अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय लिखेगा। इसके साथ बड़ागांव में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक पार्क का विकास लगभग पूर्ण है। वर्षों से बंद पड़ी एनएमडीसी परियोजना को हमने पुनः प्रारंभ कराया गया है, जिससे बड़े स्तर पर हीरो का खनन एक बार फिर प्रारंभ हो चुका है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले समय में केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना जिले के विकास को नया रूप देगी। केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना से जिले में 1 लाख 35 हज़ार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी और 600 से अधिक गांवों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। हमारे पवई को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पन्ना टाइगर रिज़र्व, विश्व प्रसिद्ध हीरे, समृद्ध वन संपदा, केन नदी का अ‌द्भुत कछार और राज्य सरकार की दूरदर्शी नीतियां सब मिलकर आने वाले वर्षों में जिले की अर्थव्यवस्था को एक नए स्वरूप में ढालने वाले हैं। 

उन्होंने कहा कि पन्ना टाइगर रिज़र्व वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के बड़े केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। बाघों की बढ़ती संख्या, पार्क की वैश्विक प्रतिष्ठा और पर्यटकों का रुझान, स्थानीय युवाओं के लिए गाईडिंग, होटल रिसॉर्ट, ट्रांसपोर्ट और हैंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर बना रहा है। सरकार द्वारा होम-स्टे, एडवेंचर टूरिज्म और कनेक्टिविटी सुधारने के प्रयासों से क्षेत्र के विकास को गति मिल रही है। हम पन्ना जिले के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में पन्ना पूरे प्रदेश में अग्रणी है। यहां 10 हज़ार 301 स्व-सहायता समूहों की 1 लाख से अधिक बहनों को 180 करोड़ रुपए से ज़्यादा का बैंक लिंकेज मिला है, जिसमें से लगभग 18 हज़ार महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना जिले की महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। लाड़ली बहनों को प्रति माह 1500 रुपए राशि भेजी जा रही है। 

उन्होंने कहा कि पन्ना जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए करीब 25 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है और संबंधित निवेशक के साथ एमओयू भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पवई बांध ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना द्वारा 158 ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पवई विधायक प्रह्लाद सिंह लोधी सहित जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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पन्ना टाइगर रिजर्व में गाइडों की हड़ताल से पर्यटक हो रहे परेशान

पन्ना टाइगर रिजर्व मड़ला कोर गेट के गाइड अपनी समस्या बताते हुए। 

पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले तीन दिनों से गाइडों की हड़ताल चल रही है। इस हड़ताल के चलते पन्ना टाइगर रिज़र्व भ्रमण हेतु आने वाले पर्यटक परेशान हो रहे हैं। पर्यटक वाहनों के साथ गाइडों के न जाने से टाइगर रिजर्व के कोर जोन में नियमों का उल्लंघन भी हो रहा है।

उल्लेखनीय है की विगत तीन दिनों से पन्ना टाइगर रिजर्व के गाइड हड़ताल पर है। हड़ताल किए जाने की मुख्य वजह पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक द्वारा अचानक जारी किया गया एक आदेश है। गाइडों के मुताबिक 13 नवंबर को बिना किसी पूर्व सूचना के कोर गेट मंडला एवं झिन्ना गेट बफर में नए गाइडों की भर्ती का आदेश कर दिया गया है। 

मंगलवार को इन गाइडों ने अपनी मांगों के निराकरण हेतु भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं स्थानीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा तथा विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह से जिला मुख्यालय पहुंचकर मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। गाइडों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि कोर गेट मंडला में पहले से ही पर्याप्त संख्या में 49 गाइड कार्यरत हैं । उन्हें वर्तमान में भी प्रतिदिन रोजगार नहीं मिल पा रहा है। नई भर्ती हो जाने से पुराने गाइडों की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा और उनकी बेरोजगारी की समस्या और बढ़ जाएगी। उन्होंने मांग पत्र के माध्यम से क्षेत्र संचालक द्वारा की गई इस नई गाइड भर्ती को तत्काल प्रभाव से रोके जाने और पुराने गाइडों को यथावत उनके पद पर बनाए रखने की मांग की है।


बताया गया है कि कोर गेट मंडला की महिला गाइडों को झिन्ना बफर में नाइट सफारी में जाने हेतु कहा जा रहा है। इस पर कोर क्षेत्र की महिला गाइडों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इस पर असहमति जताई है। गाइडों का कहना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मोहित सूद ने महिला गाइड के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए कहा है कि अगर बफर नाइट सफारी में नहीं जाना तो आप नौकरी छोड़ दें। डिप्टी डायरेक्टर के इस व्यवहार से महिला गाइड अत्यधिक आहत हैं। सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने गाइडों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उनकी मांगों के त्वरित और उचित निराकरण के लिए आश्वासन दिया है।



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मुख्यमंत्री आज 82 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की देंगे सौगात

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 

पन्ना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को दोपहर 2.50 बजे सतना जिले के नागौद से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर 3.10 बजे पन्ना जिले की पवई विधानसभा के शाहनगर पहुंचेंगे और कार्यक्रम स्थल खेल परिसर आमा में हितग्राही सम्मेलन के कार्यक्रम में शामिल होकर विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री शाम 5 बजे हेलिकॉप्टर द्वारा शाहनगर हेलीपैड से खजुराहो विमानतल रवाना होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में 82.62 करोड़ के कुल 14 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन होगा। लोक निर्माण विभाग के एक कार्य के लोकार्पण सहित मुख्यमंत्री 13 विकास कार्योें का भूमिपूजन करेंगे। कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग के एक विकास कार्य का भूमिपूजन भी होगा।

डॉ. यादव 8.78 करोड़ लागत राशि से निर्मित बिसानी-सलेहा वाया मैन्हा मार्ग के उन्नयन कार्य का लोकार्पण करेंगे। इसी तरह 4.25 करोड़ के तिघरा बैराज का भूमिपूजन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 7.19 करोड़ के ताला सारंगपुर मार्ग में मजबूतीकरण कार्य, 2.15 करोड़ के तिघरा करिया पटना मार्ग, 2.82 करोड़ के किन्ना मेन रोड से महोडकला मार्ग, 5.39 करोड़ के करिया से महोडकला मार्ग, 6.98 करोड़ के बगरोड से सुर्रा डोभा मार्ग, 2.43 करोड़ के कल्दा बछौन से गुवरदा मार्ग, 1.99 करोड़ के कल्दा बछौन से मगरदा मार्ग, 12.15 करोड़ के बगरोड सलैया समारी मार्ग, 4.97 करोड़ के नांदचांद नयाखेडा मार्ग, 9.13 करोड़ के ताला बंजारी मार्ग, 4.63 करोड़ के मोहन्द्रा-रैपुरा मार्ग के कि.मी. 37/8 से 38/8 तक में सीमेंट कांक्रीट मार्ग तथा 9.76 करोड़ के झिरिया हरिशचन्द्र से चहकना मार्ग का भूमिपूजन करेंगे। 

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Saturday, November 15, 2025

पेंच ने कायम की अनूठी मिशाल, आखिर पन्ना ने अपने संस्थापक बाघों को क्यों भुलाया ?

  • पेंच टाइगर रिजर्व में कबाड़ से बनाई गई है दुनिया की सबसे बडी बाघ स्टेच्यू 
  • पन्ना को भी अपने संस्थापक बाघों के सम्मान में करना चाहिए अभिनव पहल 

पेंच टाइगर रिजर्व में स्थापित हुई बाघ की विशाल स्टेच्यू का नजारा 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। पेंच टाइगर रिजर्व ने कबाड़ से विश्व की सबसे बड़ी टाइगर प्रतिमा का निर्माण कराकर अनूठी मिशाल कायम की है। विगत 12 नवंबर को सिवनी आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका अनावरण किया। लोहे के स्क्रैप मटेरियल से बनी यह प्रतिमा 40 फीट लंबी, 17 फीट 6 इंच ऊंची और 8 फीट चौड़ी है। पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा पर्यटन परिसर में बनाई गई टाइगर की प्रतिमा को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की कवायद भी शुरु हो गई है। पेंच की तर्ज पर पन्ना को भी अपने संस्थापक बाघों के सम्मान में उनकी स्मृतियों को कायम रखने के लिए रचनात्मक पहल करनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि म.प्र. के पन्ना टाइगर रिजर्व ने देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बाघ पुनर्स्थापना योजना को यहाँ मिली चमत्कारिक सफलता से पन्ना विश्व गुरु के रूप में अपने को स्थापित करने में कामयाब हुआ है। बीते 15 सालों में यहां जो कुछ हुआ उसे देखकर दुनिया भर के वन्य जीव प्रेमी उत्साहित और हतप्रभ हैं। एक ऐसा वन क्षेत्र जो वर्ष 2009 में बाघ विहीन हो गया था वहां 15 साल में ही सौ से भी अधिक बाघ हैं। यहाँ घटित बाघ पुनर्स्थापना की अनूठी कामयाबी की प्रेरणादायी स्मृतियों को तरोताजा करने के लिये पार्क प्रबंधन ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया जिससे पन्ना में घटित चमत्कार को आने वाली पीढ़ियां याद रखें तथा उससे प्रेरणा लें। 

पन्ना टाइगर रिजर्व का संस्थापक बाघ टी-3

बाघ पुर्नस्थापना के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व विश्व स्तर पर सफलता का मानक बन चुका है। यही वजह है कि दुनिया भर से लोग पन्ना आकर बाघों को फिर से आबाद करने के गुर सीखना चाहते हैं। बाघ पुर्नस्थापना योजना को यहां पर जिस तरह से शानदार सफलता मिली है, उसे द्रष्टिगत रखते हुए पन्ना में ग्लोबल टाइगर लर्निंग सेन्टर की स्थापना होनी चाहिए। यदि यहां पर टाइगर लर्निंग सेन्टर की स्थापना हो जाती है तो पूरी दुनिया के लोग यहां बाघों के संरक्षण व पुर्नस्थापना का पाठ सीखने के लिए आयेंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ - साथ स्थानीय कम्युनिटी को भी लाभ मिलेगा। 

पन्ना की सफलता पूरे विश्व में उत्कृष्ट श्रेणी का है, जहां सभी पुर्नस्थापित बाघिनों का सफलतम प्रजनन हुआ है। पन्ना में न सिर्फ पुर्नस्थापित बाघों ने सफलता पूर्वक प्रजनन कर वंशवृद्धि की है, अपितु दो अर्द्ध जंगली बाघिनों को भी यहां जंगली बनाने में सफलता मिली है। इन दोनों ही बाघिनों ने जंगली बनकर शावकों को जन्म भी दिया है।

पन्ना में बाघ पुर्नस्थापना की कामयाबी के शिल्पी रहे तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर.श्रीनिवास मूर्ति ने पेंच टाइगर रिजर्व के अभिनव पहल को न सिर्फ सराहा है अपितु पन्ना को भी इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी है। उन्होंने पीटीआर प्रबंधन से अनुरोध किया है कि पन्ना के सभी संस्थापक बाघों के लिए सकारात्मक अभिनव पहल हो, जिसमें प्रतिमा का निर्माण भी शामिल है। 

पन्ना टाइगर रिज़र्व को आज इस मुकाम तक लाने में सात संस्थापक बाघों का अहम् योगदान है। उनके इस योगदान को यादगार बनाया जाना चाहिए। पन्ना के संस्थापक बाघों में टी1 से टी7 तक सभी नर व मादा बाघ हैं। टी1, टी2 और टी6 मादा बाघ हैं, टी4 और टी5 अर्द्धजंगली बाघिनें थीं जिन्हे जंगली बनाया गया जबकि टी3  और टी7 नर बाघ हैं। श्री मूर्ति कहते हैं कि अपने संस्थापक बाघों के सम्मान में हम भी कुछ अभिनव पहल करें क्योंकि हम पहले ही देर कर चुके हैं। 

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Friday, November 14, 2025

खुशखबरी : पन्ना का हीरा अब होगा और खास, मिला जीआई टैग

  • पन्ना के हीरों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब मिलेगी एक विशिष्ट पहचान
  • जीआई टैग प्राप्त होने से अब हीरा व्यवसाय से जुड़े लोगों को होगा लाभ 


।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बेशकीमती रत्न हीरा की खदानों के लिए देश और दुनिया में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की धरती से निकलने वाले हीरों को  जीआई टैग (GI tag) मिल गया है। जीआई टैग मिलने से पन्ना के हीरों की कीमत व महत्व और बढ़ जायेगा। मध्यप्रदेश के गौरव को बढ़ाने वाली यह खुशखबरी पन्ना के हीरा अधिकारी रवि पटेल ने आज शुक्रवार को दी है। 

उन्होंने बताया कि जीआई टैग मिलने से पन्ना के हीरों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैल्यू बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जीआई (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) यानी भौगोलिक संकेत एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जिस वस्तु को यह टैग मिलता है, वह उसकी विशेषता बताता है।

पन्ना के हीरों को जीआई टैग मिले, इसके लिए ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी लखनऊ ने चेन्नई स्थित संस्था में जून 2023 में आवेदन किया था। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली यह संस्था पूरी जांच पड़ताल और छानबीन के बाद जीआई टैग देती है। जीआई टैग मिलने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में उस प्रोडक्ट की कीमत व महत्व बढ़ जाता है। 

हीरा अधिकारी श्री पटेल ने बताया कि जिला प्रशासन, हीरा खनन विभाग, मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग और पद्मश्री डॉ. रजनी कांत, मानव कल्याण संघ के  जीआई तकनीकी सहायता से पन्ना के हीरों को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि (जीआई टैग) प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की पहचान सदियों से यहां की धरती से निकलने वाले बेशकीमती हीरों के कारण है। यही वजह है कि पन्ना को डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। 

जीआई टैग मिलने से पन्ना के हीरों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जिसका लाभ निश्चित ही पन्ना के हीरा व्यवसाय से जुड़े लोगों को मिलेगा। पन्ना के हीरे न केवल कानूनी मान्यता प्राप्त करेंगे, बल्कि अब इन हीरों की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी तथा उपभोक्ताओं को प्रमाणित और विश्वसनीय हीरे मिल सकेंगे। पन्ना के हीरों की अपनी एक विशेष पहचान रही है, उनका हल्का हरा रंग और कार्बन लाइन इन्हें अन्य हीरों से अलग तथा कटिंग और चमक में बेजोड़ बनाती हैं।

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Thursday, November 13, 2025

पन्ना के धरमसागर तालाब परिसर का होगा सौंदर्यीकरण

  • जिपं सीईओ ने अधिकारियों के साथ किया स्थल का निरीक्षण
  • यह स्थल टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के रूप में होगा विकसित 


पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना में पहाड़ियों की तलहटी में स्थित झीलनुमा प्राचीन धरमसागर तालाब परिसर का सौंदर्यीकरण करके उसे टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जायेगा। यहाँ पर वृहद रूप में सौंदर्यीकरण सहित अन्य विकास कार्य किया जाना प्रस्तावित है। विभिन्न कार्यों के समय पर क्रियान्वयन के उद्देश्य से एवं समयबद्ध कार्ययोजना के मुताबिक आवश्यक कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 

जिला कलेक्टर के निर्देश पर गुरूवार को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव सिंह मरावी द्वारा परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण शशिकपूर गढ़पाले एवं सीएमओ उमाशंकर मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों के साथ विकास कार्य स्थल का निरीक्षण किया गया और अधिकारियों को समय सीमा मेें वांछित कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमणकारी परिवार के सदस्यों से चर्चा कर नियत समय सीमा में निर्धारित सीमा से अतिक्रमण हटाने की समझाईश दी। इसके अलावा कुछ परिवारों को पूर्ण रूप से सतना बैरियर, काष्ठागार के निकट स्थित भूमि पर विस्थापन के संबंध में निर्देशित किया गया। 

इस दौरान विकास कार्य दायरे की चिन्हांकित सीमा को सुरक्षित करने के लिए फैंसिंग कार्य कराने पर भी चर्चा हुई। साथ ही पक्की सड़क के दोनों किनारों पर पेबर्स लगाने, चिन्हित स्थानों पर स्टोन पिचिंग कार्य सहित पार्क और गार्डन के विकास के लिए बाधारहित कार्य कराने पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने पैदल भ्रमण कर विभिन्न कार्यों के स्थल का निरीक्षण किया और नवीन एस्टीमेट सहित आर्किटेक्चर से आवश्यक प्लान तैयार कराने तथा नवीन प्रोजेक्ट के तहत नए सिरे से विकास कार्य की रूपरेखा पर भी विचार विमर्श किया।  


जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि धरमसागर तालाब के सौंदर्यीकरण से नगरवासियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। साथ ही प्राचीन तालाब और परिसर के नवीन स्वरूप से पन्ना नगर की अलग पहचान भी स्थापित होगी। निरीक्षण के दौरान वन विभाग की भूमि से भी अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में जरूरी समन्वय के लिए अधिकारियों से जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिए गए। नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियों को तालाब घाट परिसर की नियमित रूप से बेहतर साफ-सफाई तथा संयुक्त टीम के गठन के लिए भी निर्देशित किया गया। 

मौके पर उपस्थित सीएमओ को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए। उल्लेखनीय है कि नगर के प्राचीन धरमसागर तालाब के बेहतर स्वरूप में कायाकल्प से यह स्थान पुरा धरोहर के संरक्षण के साथ टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित होगा। आगामी दिनों में महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा का लोकार्पण किया जाना भी प्रस्तावित है। निरीक्षण के दौरान एसडीएम संजय कुमार नागवंशी एवं तहसीलदार अखिलेश प्रजापति भी उपस्थित रहे।

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Saturday, November 8, 2025

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पन्ना पहुंची, श्री जुगल किशोर, बलदाऊ जी और प्राणनाथ जी मंदिर में किए दर्शन

 


पन्ना। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती कल रात्रि पन्ना पहुंची और सर्किट हाउस में विश्राम किया। आज उन्होंने भगवान श्री जुगल किशोर, बलदाऊ जी एवं प्राणनाथ मंदिर में दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।   

उन्होंने कहा कि हमारा देश पहले बहुत मजबूत था, कालिंजर जैसे किले बनाये। हमारी विरासत बहुत मजबूत रही है लेकिन अब हम कमजोर हो गए हैं।  आपने कहा जब मैं कल कालिंजर के किले से निकल रही थी तब मन में विचार आया कि हमारी संस्कृति कितनी समृद्ध है। उमा भारती ने कहा कि पहले हम बहुत समर्थ थे, अब हम इंडिविजुअल कमजोर हो गए हैं। हम गंगा, गाय और प्रकृति की रक्षा करें तभी सामर्थवान बनेंगे। यदि हमने इन चीजों का संरक्षण नहीं किया, तो बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। 

बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाए जाने के सवाल पर आपने कहा कि हमारी पार्टी छोटे राज्यों के गठन का समर्थन करती है, क्योंकि इससे प्रशासनिक सुविधा और विकास की गति बढ़ती है। लेकिन अभी तक जो मांग की जाती रही है उसे दो राज्यों से अलग बुंदेलखंड की मांग उठाते रहे हैं। मध्य प्रदेश के लोग उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में मिलना नहीं चाहते। इस कारण से एक प्रदेश से अलग बुंदेलखंड की मांग की जाए तो बेहतर होगा और मैं इसका समर्थन करती हूं। 

गंगा संरक्षण पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा कि “गंगा हमारी संस्कृति और आस्था की आत्मा है, उसकी स्वच्छता और संरक्षण बेहद जरूरी है।” गंगा, गाय, प्रकृति इसका संरक्षण बहुत जरूरी है तभी समाज और राष्ट्र का कल्याण होगा। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के पन्ना आने पर उनसे खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा व पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह मिलने पहुंचे। 

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Friday, November 7, 2025

पन्ना में किसान को एक साथ खदान में मिले 05 नग हीरे

किस्मत के धनी युवा कृषक बृजेन्द्र कुमार शर्मा जिन्हे हीरे मिले हैं।

पन्ना। बेशकीमती हीरों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती इन दिनों हीरों की तलाश करने वाले लोगों पर मेहरबान है। यहाँ एक ही दिन में एक किसान को 5 नग हीरे मिले हैं। हीरे मिलने के बाद से किसान व उसका परिवार बेहद खुश है। लोगों का कहना है कि पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती कब किसकी किस्मत पलट दे, कुछ कहा नहीं जा सकता।

हीरा कार्यालय पन्ना के हीरा पारखी अनुपम सिंह ने आज सायं जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम सिरस्वाहा जिला पन्ना निवासी बृजेन्द्र कुमार शर्मा को पट्टे की खदान से 5 नग हीरे मिले हैं। खदान से मिले इन हीरों को उसने शुक्रवार 7 नवम्बर को विधिवत हीरा कार्यालय में जमा किए हैं। आपने बताया कि बृजेन्द्र कुमार ने इसी जून 25 में पट्टा बनवाया था और 6 माह के भीतर ही उसकी किस्मत चमक गई। 

हीरा पारखी ने बताया कि बृजेन्द्र कुमार शर्मा को जेम क्वालिटी के तीन हीरे 2.29, 0.74 तथा 0.77 कैरेट वजन के मिले हैं जबकि दो हीरे 1.08 तथा 0.91 वजन के हीरे मटमैले हैं। किसान को मिले हीरों का कुल वजन 5 कैरेट 79 सेन्ट है। इन सभी हीरों को आगामी नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा। बिक्री से प्राप्त राशि में से शासन की रायल्टी काटने के बाद शेष राशि हीरा धारक को प्रदान की जाएगी। जानकारों के मुताबिक इन हीरों की अनुमानित कीमत 15 लाख रुपए से अधिक है।

वीडियो : 



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Tuesday, November 4, 2025

निर्वाचक नामावली के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य प्रारंभ

  • बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करें
  • कलेक्टर ऊषा परमार ने पन्ना जिला वासियों से की है अपील



पन्ना। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गत 27 अक्टूबर को निर्वाचक नामावली के विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में जारी कार्यक्रम अंतर्गत मंगलवार से मतदाता सत्यापन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। बीएलओ द्वारा प्रत्येक विधानसभा के मतदाताओं के घर-घर पहुंचकर गणना पत्रक का वितरण किया गया एवं महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। 

पवई विधानसभा क्षेत्र में भी बीएलओ द्वारा एनुमेरेशन फॉर्म का वितरण किया गया। एसडीएम एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी समीक्षा जैन द्वारा भ्रमण कर बीएलओ द्वारा संपादित कार्यों का जायजा लिया गया। साथ ही आम नागरिकों एवं मतदाताओं से बीएलओ को आवश्यक सहयोग की अपील भी की।

उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश सहित 12 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने के संबंध में विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्णय लिया है, जिसके तहत बीएलओ एवं अन्य अधिकारियों को पूर्व में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। आगामी 4 दिसम्बर तक बीएलओ द्वारा कम से कम तीन बार मतदाताओं से डोर टू डोर संपर्क किया जाएगा। 

इस दौरान एक जनवरी 2026 की स्थिति में मतदाता सूची में नवीन नाम जोड़ने सहित नाम हटाने और आवश्यक संशोधन के लिए भी आवेदन प्राप्त करेंगे। गणना पत्रक में मतदाता को वांछित जानकारी भरकर देना होगी। इसके आधार पर 9 दिसम्बर को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन तथा दावे आपत्तियों का निराकरण कर 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ऊषा परमार ने जिलेवासियों से अपील की है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बूथ लेवल अधिकारियों के द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आपकी मांगी गई जानकारी को प्रदान करें, जिससे भारत निर्वाचन आयोग के कार्य को पूरा किया जा सके।

जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती परमार ने कहा कि आयोग के निर्देश पर विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आपके समक्ष बूथ लेवल अधिकारी घर घर पहुंच कर आवश्यक जानकारी प्राप्त करेगा और गणना पत्र को पूर्ण करने का कार्य भी करेगा। 

इस गणना पत्रक को पूर्ण करने में पूरा सहयोग करें, जिससे कि निर्वाचन आयोग का कार्य समय सीमा में पूर्ण हो सके। उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में 2003 एवं 2025 की मतदाता सूची के संबंध में जानकारी मांगी जाएगी एवं बूथ लेवल अधिकारी के द्वारा आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी तथा गणना पत्रक भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें आवश्यक जानकारी की पूर्ति कर एवं हस्ताक्षर कर बूथ लेवल अधिकारी को वापस करना होगा।

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प्रधानमंत्री आवास योजना में पन्ना की स्थिति ठीक नहीं, कमिश्नर ने जताई नाराजगी

  • संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने दिए निर्देश
  • दीनदयाल और मोबाइल रसोई योजना का क्रियान्वयन और बेहतर हो 


पन्ना। प्रधानमंत्री आवास योजना में पन्ना की स्थिति ठीक नहीं होने पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई है। आयोजित समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत संचालित निर्माण कार्यों की जिलेवार समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कराए जा रहे निर्माण कार्यों की सतत मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जाए तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों का निर्माण गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने पन्ना सहित दमोह और निवाड़ी के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना की अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

कमिश्नर सागर संभाग अनिल सुचारी ने सागर संभाग के नगरीय क्षेत्रों में संचालित दीनदयाल रसोई और मोबाइल रसोई योजना का क्रियान्वयन और अधिक बेहतर व पारदर्शी ढंग से करने के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि इस योजना के तहत गरीब और कमजोर तबके के लोगों को सस्ते दरों पर भोजन मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का सागर संभाग में प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिए। इस योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिलना चाहिए। 

कमिश्नर ने मोबाइल रसोई योजना का भी बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि मोबाइल रसोई योजना मजदूरी करने वाले लोगोें को भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक अच्छी योजना साबित हुई है। इस योजना का प्रचार-प्रसार भी कराया जाए तथा मजदूरों को उनके कार्य स्थल पर स्वच्छ और शुद्ध भोजन सस्ते दरों पर उपलब्ध कराया जाए।


कमिश्नर श्री सुचारी ने उक्त निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए। बैठक में कमिश्नर ने नगरीय क्षेत्रों में आश्रय शालाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि आश्रय शालाओं में अच्छी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। आश्रय शालाओं में रहने वाले लोगों का समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा के दौरान संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन ने बताया कि सागर संभाग में 20 दीनदयाल रसोई घर संचालित हैं, जिससे चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 6 लाख 29 हजार लोगों को सस्ते दरों पर भोजन मुहैया कराया गया है। वहीं सागर संभाग में मोबाइल रसोई के माध्यम से 88 हजार से अधिक लोगों को सस्ते दरों पर भोजन मुहैया कराया गया है।

बैठक में कायाकल्प योजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण की समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिए कि नगरीय क्षेत्रों में कायाकल्प योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण गुणवत्ता के साथ तेजी से पूर्ण कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार का गतिरोध उत्पन्न नहीं होना चाहिए। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग को सीएम हेल्पलाइन योजना के तहत प्राप्त शिकायतों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों का निराकरण सभी अधिकारी सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ करें अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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Saturday, November 1, 2025

पन्ना में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस


पन्ना। मध्यप्रदेश का 70वां स्थापना दिवस समारोह पन्ना में शनिवार को गरिमामय और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय पर टाउन हॉल में पूर्व मंत्री एवं विधायक पन्ना बृजेन्द्र प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने फीता काटकर विभागीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। 

कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों एवं शहीद के परिजनों का सम्मान किया गया। छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गईं। प्रदेश के स्थापना दिवस पर मध्यप्रदेश गान का सामूहिक गायन भी हुआ। पूर्व मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1956 में तीन राज्यों को मिलाकर मध्यप्रदेश का गठन हुआ था। गठन के 44 वर्ष बाद पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई। मध्यप्रदेश अपने संस्कार और संस्कृति के पुर्नमिलन से निरंतर ऊंचाईयों की ओर अग्रसर है। यहां विविधता में एकता है। 

प्रदेश की समृद्धशाली संस्कृति के साथ इतिहास भी गौरवशाली रहा है। प्रदेश प्राकृतिक रूप से एवं वन्य प्राणियों के कारण भी समृद्धशाली है। मध्यप्रदेश कई नदियों का उद्गम स्थल है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण फसलों का भरपूर उत्पादन हो रहा है। विश्व पटल पर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थल और पुरातात्विक धरोहरों के कारण भी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि टाइगर स्टेट के कारण मध्यप्रदेश देश और विश्व के पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केन्द्र है। प्रदेश की कला, संस्कृति, संगीत और साहित्य भी अनूठा है। उद्योग, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश तरक्की कर रहा है। मध्यप्रदेश जैविक खेती सहित तांबा, दलहन, सोयाबीन एवं मसाला उत्पादन में भी देश का अग्रणी राज्य है। ग्राम स्वराज की स्थापना सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में हुई थी। पूर्व मंत्री ने कार्यक्रम में पुरानी विरासत और पर्यावरण के संरक्षण के संकल्प की बात कही।


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मंदिरों की नगरी पन्ना में श्री जुगल किशोर लोक निर्माण की बाधाओं को दूर किया गया है। महाकाल लोक की तर्ज पर इसका निर्माण किया जाएगा। पन्ना धाम भगवान श्री कृष्ण के सात विग्रहों में से भी एक है। पन्ना शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन के साथ पन्ना के होनहार छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि पन्ना जिला की हीरा नगरी के रूप में अलग पहचान है। खनिज संपदा के साथ स्वच्छता में भी पन्ना को नंबर एक बनाने के लिए हमें प्रयास करने की आवश्यकता है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में संकीर्ण सोच की महत्ता नहीं है। हमें सदैव बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। देश एवं प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज की आवश्यकता मुताबिक तकनीक और नवाचार के जरिए हमें विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य एवं कर्णधार हैं। इसलिए छात्र-छात्राओं को किसी भी अवसाद से बचना चाहिए और अपने रूचि के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान के साथ आगे बढ़ने का निरंतर प्रयास करना चाहिए। 

स्थापना दिवस के कार्यक्रम में जिपं अध्यक्ष मीना राजे, उपाध्यक्ष संतोष सिंह यादव, नपाध्यक्ष मीना पाण्डेय सहित कलेक्टर ऊषा परमार, जिपं सीईओ उमराव सिंह मरावी, अपर कलेक्टर मधुवंतराव धुर्वे एवं अतिरिक्त सीईओ अशोक चतुर्वेदी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन परियोजना अधिकारी संजय सिंह परिहार द्वारा किया गया।

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पन्ना नेचर कैंप के 15 गौरवशाली वर्ष हुए पूरे, यह जश्न मनाने का समय

  • अब तक कुल 365 कैंप आयोजित हो चुके, जिसमें 11 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए
  • प्रतिभागियों ने प्रकृति की इस पाठशाला में जंगल की निराली दुनिया को समझा और निहारा

शुरूआती दिनों में आयोजित होने वाले पन्ना नेचर कैंप की तस्वीर (फ़ाइल फोटो) 

।। आर. श्रीनिवास मूर्ति, तत्कालीन क्षेत्र संचालक ।।

पन्ना। जनसमर्थन से बाघ संरक्षण की अभिनव सोच को मूर्त रूप देने की मंशा से पन्ना नेचर कैंप की शुरुआत हुई थी, जिसके 15 गौरवशाली वर्ष आज पूरे हो रहे हैं। निश्चित ही यह अत्यंत प्रसन्नता और गर्व की बात है कि वर्ष 2010 में आज के ही दिन मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के पावन अवसर पर शुरू किए गए "पन्ना नेचर कैंप" ने अपने 15 वर्ष पूरे कर लिए हैं। 

यह देखकर और भी प्रसन्नता हो रही है कि नेचर कैंप के आयोजन का सिलसिला अभी भी अनवरत जारी है। भारत में किसी भी टाइगर रिजर्व के इतिहास में यह उपलब्धि अपने आप में अनूठी और बेमिशाल है। यह पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन और पन्ना के लोगों के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। पन्ना नेचर कैंप के अब तक कुल 365 कैंप आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें 11 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लेकर जंगल की निराली दुनिया को निकट से देखा और इसके सौंदर्य को निहारा है।

आख़िरकार पन्ना नेचर कैंप जैसे कार्यक्रम को शुरू करने की जरुरत क्यों पड़ी ? यह सर्व विदित है कि वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था। उस समय पन्ना के लोग बेहद निराश और आक्रोशित थे। वे यह कहने कहने लगे थे कि जब यहाँ बाघ ही नहीं बचे तो फिर टाइगर रिज़र्व का औचित्य ही क्या है, इससे पिंड छूटना चाहिए। ऐसी भावना इसलिए भी थी क्योंकि स्थानीय लोगों को पार्क को निकट से देखने और समझने का कभी मौका नहीं मिला। स्थानीय लोग पन्ना टाइगर रिजर्व को स्थानीय विकास में सबसे बड़ी बाधा मानने लगे थे।

इन परिस्थितियों के बीच तब तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति ने पुणे के संजय ठाकुर की मदद से एक परियोजना तैयार की। उन्होंने भोपाल से मंज़ूरी ली और कार्यक्रम के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया को शामिल किया। पहला उद्घाटन शिविर 1 नवंबर 2010 को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के महासचिव रवि सिंह ने इस अवसर पर अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई थी। प्रतिभागियों को एक टाटा 407 वाहन में ले जाया गया, जिसमें बैठने की माकूल व्यवस्था की गई थी। आगे चलकर एनएमडीसी मझगवां ने इन शिविरों के संचालन हेतु एक 34 सीटों वाली बस प्रदान कर दी। स्वर्गीय श्री अंबिका खरे और श्री देवदत्त चतुर्वेदी, दोनों सेवानिवृत्त शिक्षकों ने शिविरों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पन्ना नेचर कैंप का मॉडल



हर साल शिविरों के आयोजन की तिथियों की घोषणा वन्यजीव सप्ताह (अक्टूबर के पहले सप्ताह) से पहले की जाती है। पंजीकरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाता है। छात्रों और बुजुर्गों के लिए क्रमशः 100 रुपये और 200 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया जाता है। लेकिन अब इसे संशोधित कर 200 रुपये और 400 रुपये कर दिया गया है। सभी प्रतिभागियों द्वारा अनिवार्य क्षतिपूर्ति बांड भरा जाता है।

सभी पंजीकृत प्रतिभागी सुबह लगभग 5.30 बजे पीटीआर कार्यालय में एकत्रित होते हैं और संसाधन व्यक्तियों द्वारा शिविर के बारे में एक अभिविन्यास सत्र आयोजित किया जाता है। प्रतिभागियों को दिन भर के कार्यक्रम से परिचित कराया जाता है ताकि वे मानसिक रूप से तैयार हो सकें। पन्ना शहर से 50 मिनट की यात्रा के बाद प्रतिभागी हिनौता पहुँचते हैं और मझगांव बांध क्षेत्र, एनएमडीसी तक एक प्रकृति भ्रमण करते हैं, जहाँ उन्हें प्रकृति, पारिस्थितिकी तंत्र, पौधों, जानवरों (संकेत और लक्षण) और पक्षी-दर्शन से व्यावहारिक रूप से परिचित कराया जाता है।

फिर एक हल्के नाश्ते के ब्रेक के बाद, प्रतिभागियों को हिनौता पार्क इंटरप्रिटेशन सेंटर ले जाया जाता है और रोल प्ले और कहानी सुनाने के माध्यम से पार्क और पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली से परिचित कराया जाता है। सभी सत्र संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों के बीच संवादात्मक सत्रों के साथ जीवंत बनाए जाते हैं। इसके बाद एक घंटे का लंच ब्रेक होता है। तदुपरांत लगभग 3 बजे प्रतिभागियों को पार्क भ्रमण के लिए ले जाया जाता है। जिसमें धुँधवा सेहा, पीपरटोला शामिल हैं। अंत में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतिभागियों का चयन करने के लिए एक सरल परीक्षा आयोजित की जाती है। सभी प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र और शीर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी प्रशंसा प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।

प्रथम वर्ष के शिविर तत्कालीन एफडी द्वारा व्यक्तिगत रूप से संसाधन व्यक्तियों को प्रकृति विज्ञान के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किए गए थे। शिक्षक होने के नाते संसाधन व्यक्तियों को प्रतिभागियों, जिनमें से अधिकांश बच्चे थे, उनके साथ संवाद स्थापित करने में कोई समस्या नहीं हुई। समय-समय पर क्षेत्रीय पर्यवेक्षण और समीक्षाओं ने शिविरों को एक आदर्श मॉडल बनाया जो अपनी गति से चलता है। पृष्ठभूमि में काम करने वाली प्रणाली को प्रोत्साहित करने और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ शिविरों के सुधार में सहायक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए 100 शिविरों और 10-वर्षीय मील के पत्थर का जश्न मनाया गया। वर्तमान में मनीष रावत और भवानीदीन पटेल शिविरों के संचालन के लिए जिम्मेदार संसाधन व्यक्ति हैं।

नेचर कैंप्स के मुख्य किरदार रहे दोनों शिक्षकों को सैंक्चुअरी एशिया से मिला ग्रीन टीचर अवार्ड

पन्ना नेचर कैंप्स ने अपने चरम को तब छुआ जब नेचर कैंप्स के मुख्य किरदार रहे दोनों शिक्षकों शम्बिका सर और श्री देवदत्त सर को 2017 में सैंक्चुअरी एशिया से ग्रीन टीचर अवार्ड मिला। यह सम्मान शिक्षकों के लिए एक गौरव की बात है और साथ ही एक स्थानीय संरक्षण शिविर के लिए एक उपलब्धि भी है। जब कोविड 2020 में हालात प्रतिकूल हुए तो प्रबंधन ने ऑनलाइन सत्रों को अपनाकर शिविरों को निर्बाध रूप से चलाने का प्रयास किया।

पार्क और लोगों के बीच की खाई को पाटने के साधन के रूप में, पन्ना नेचर कैंप्स की भूमिका अमूल्य है। कभी पार्क और बाघ के विरोधी रहे स्थानीय लोग अब इसके मालिक हैं। पन्ना पार्क में एक दिवसीय शिविर के बाद बच्चे और बुजुर्ग संरक्षण का संदेश लेकर चलते हैं। अब उन्हें पार्क देखने की कोई शिकायत नहीं है। पार्क पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय आजीविका में धन का प्रवाह बढ़ा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 2.75 लाख से अधिक पर्यटकों ने पन्ना टाइगर रिजर्व का दौरा किया, जिसमें 2.6 लाख भारतीय पर्यटक और 15,300 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। इससे पन्ना टाइगर रिजर्व को 7.42 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।

बीते 15 वर्षों के शानदार सफ़र का यह जश्न मनाने का समय



विगत डेढ़ दशक पूर्व शुरू हुआ यह अनूठा अभियान आज उस मुकाम पर जा पहुंचा है, जो निश्चित ही एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अब पन्ना नेचर कैंप्स के शानदार 15 वर्षों का जश्न मनाने का समय आ गया है। क्योंकि समूचे देश में यह अभियान अनूठा है, जिसमे स्थानीय लोगों को प्रकृति से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया गया। मैं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के श्री रवि सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की श्रीमती संगीता सक्सेना और पुणे के श्री संजय ठाकुर को इस कार्यक्रम के आरंभ से ही निरंतर और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। मैं एनएमडीसी को 2015 में शिविरों के लिए बस उपलब्ध कराने के सपने को पूरा करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। मैं श्री अम्बिका सर, श्री देवदत्त सर, आशीष नामदेव और भवानी दीन पटेल का भी धन्यवाद करता हूँ, जिनके समय और प्रयास के बिना शिविरों का इतना लंबा और फलदायी सफर संभव नहीं होता।

शिविरों के लिए श्री पीयूष शेखसरिया के प्रोत्साहन और समर्थन का हार्दिक आभार। मेरे बाद के सभी फील्ड डायरेक्टर आलोक कुमार, विवेक जैन, केएस बधोरिया, उत्तम शर्मा, बृजेन्द्र झा, श्रीमती अंजना सुचिता तिर्की और नरेश यादव को कार्यक्रम को जारी रखने में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। फील्ड यूनिट के प्रदीप कुमार द्विवेदी और कार्यालय और फील्ड स्तर पर शिविरों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले प्रमोद शुक्ला का विशेष धन्यवाद। 

मैं चाहता हूं कि पन्ना नेचर कैंप देश के बाकी संरक्षित क्षेत्रों के लिए आदर्श बनें और लोगों के सहयोग से प्रकृति संरक्षण के एक अत्यंत आवश्यक युग की शुरुआत करें। यही एक कारण है कि लोग पन्ना टाइगर रिवाइवल मॉडल को जन संरक्षण से बाघ संरक्षण - लोगों के सहयोग से बाघ संरक्षण कहते हैं। राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य संख्या 1 में संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधकों से यही अपेक्षा की गई है। मुझे अपने पन्ना के लोगों और बाघों से बहुत प्यार है। पन्ना अमर रहे।

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